नई दिल्ली। ऑनलाइन वेबसाइटों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर लगातार बढ़ रही अव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में चल रहे सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स अब सरकार की देखरेख में ही अपने प्लेटफॉर्म पर कोई सामग्री प्रसारित कर पाएंगे। सरकार का यह फैसला कई शिकायतों के बाद आया है और इस फैसले से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के संचालक सकते में आ गए हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान बताया, कि ओटीटी प्लेटफॉर्म (ओवर द टॉप) पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों और सुझावों के मद्देनजर दिशानिर्देश तैयार किए जा चुके हैं और इन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा।
इससे पहले भाजपा के महेश पोद्दार ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान इंटरनेट बेहद उपयोगी ऑनलाइन मंच के रूप में उभरा है और मनोरंजन के लिए ओटीटी प्लेटफार्म की लोगों तक पहुंच बढ़ी है। उन्होंने कहा लेकिन इसमें दिखाई जाने वाली सामग्री की भाषा आपत्तिजनक होती है। इस मंच का नियमन किया जाना चाहिए।