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कोरोना महामारी के दौर में बुजुर्गों का इस प्रकार रखें ध्यान, दें पौष्टिक एवं सुपाच्य भोजन

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह द्वारा वैज्ञानिकों के लिए जारी निर्देश के क्रम में आज दलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रकला यादव ने कोरोना महामारी में बुजुर्गों का ख्याल रखने के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि शहर एवं गांवों में हर तरफ कोरोना वायरस का खौफ है। इसकी चपेट में हर आयु वर्ग के लोग आ रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को है। उन्होंने बताया कि देश की एक चौथाई आबादी वृद्धों की है जो 60 वर्ष से ऊपर की आयु वर्ग के हैं। वृद्ध अवस्था में शारीरिक व मानसिक विकास थम जाता है एवं शारीरिक क्रियाएं धीमी पड़ जाती हैं, उनकी पाचन व अवशोषण शक्ति कमजोर हो जाती है। जिसके कारण उन्हें अनेक प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, अर्थराइटिस, अधिक रक्तचाप  व अपच आदि और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। जिससे उन्हें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में उनको शारीरिक अवस्था के अनुसार भोजन देना चाहिए जो पौष्टिक एवं सुपाच्य हो जिससे उनकी शारीरिक क्रियाएं सुचारू रूप से चलती रहे। वृद्ध व्यक्ति की शारीरिक क्रियाशीलता कम होने के कारण उन्हें एक युवा व्यक्ति से 20 से 30% तक कम कैलोरी की आवश्यकता होती है, परंतु प्रोटीन, लौह लवण (आयरन), कैल्शियम एवं अन्य विटामिनों और मिनरल की मांग बढ़ जाती है। जिससे उनकी शारीरिक क्रियाशीलता व रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है इसलिए जरूरी है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनके आहार में भी बदलाव करने चाहिए ताकि उन्हें संक्रमण जल्दी न हो। 

डॉक्टर चंद्रकला यादव ने सलाह दी है कि उनके आहार में साबुत अनाज शामिल करने चाहिए जो फाइबर से भरपूर होते हैं। जिससे ब्लड में कोलेस्ट्रॉल लेवल सुधारने में सहायता  मिलती है व दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। इसके अतिरिक्त उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं। इसके लिए दही को भोजन में शामिल करना चाहिए। इसमें अच्छे बैक्टीरिया और प्रोबायोटिक होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर करते हैं। दही में पोटेशियम, जिंक और विटामिन बी जैसे माइक्रो न्यूट्रिएंट भी होते हैं। जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि में सहायक होते हैं। इसके साथ ही उनके भोजन में अंडे को भी शामिल करना चाहिए। जिसमें प्रोटीन ,विटामिन B12 , विटामिन डी व फोलेट पाया जाता है। वृद्धों के भोजन में बादाम शामिल करने चाहिए। जिसमें राइबोफ्लेविन मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन ई और प्रोटीन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। जो ऊर्जा देने के साथ ही हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं। उन्होंने सलाह देते हुए बताया कि अधिक उम्र के लोगों को रोजाना हरी पत्तेदार सब्जियां खाना चाहिए, यह सब्जियां कम कैलोरी युक्त होती हैं। इनमें विटामिन सी, विटामिन बी6, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखते हैं।

उन्होंने सावधान करते हुए बताया कि वृद्ध व्यक्ति का भोजन बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि आहार ऐसा हो जिससे वह आसानी से पचा सकें। इसके साथ ही भोजन में बहुत अधिक तले हुए या ज्यादा तेल से बने खाद्य पदार्थ कम हो साथ ही मिठाई गुड़ शक्कर के सेवन को कम करना चाहिए। उनके भोजन में दूध, दूध से बने व्यंजन और हरी पत्तेदार सब्जियां अवश्य शामिल करना चाहिए, ताकि उन्हें कैल्शियम, विटामिन व मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा मिलती रहे। वृद्धों में प्रोटीन की पूर्ति हेतु आहार में पर्याप्त मात्रा में दूध, मछली, अंडा तथा दालों का समावेश करना चाहिए साथ ही विटामिन सी की पूर्ति के लिए आहार में नींबू, संतरा, अमरूद, आंवला  एवं अन्य खट्टे फल भी शामिल करना चाहिए। यदि एक समय में वृद्ध व्यक्ति पूरा आहार नहीं ले पा रहा है तो थोड़ा थोड़ा भोजन कम समय अंतराल में देना चाहिए। वृद्धों की रुचि को ध्यान में रखते हुए उनका आहार बनाए ताकि वह रुचि से खा सकें तथा यह सुनिश्चित करें कि भोजन में उन्हें सभी आवश्यक विटामिनों की उचित मात्रा मिले यदि ऐसा ना हो तो उन्हें मल्टी विटामिन की गोली प्रतिदिन देनी चाहिए।

वृद्धावस्था के लिए आहार चार्ट इस प्रकार होना चाहिए, सुबह उठकर एक गिलास गुनगुना पानी पिएं। यदि डायबिटीज है तो आधा चम्मच मेथी पाउडर डालकर पियें| एक घंटे बाद चाय और हल्के मीठा वाला 2-3 बिस्कुट ले सकते है। नाश्ते में एक कटोरी अंकुरित अनाज और बिना मलाई वाला दूध या एक से दो कटोरी दलिया और ब्राउन ब्रेड। कम तेल  वाले दो परांठे और एक कप दही, गेहूं के फ्लेक्स और बिना मलाई वाला दूध। दोपहर के भोजन से पहले एक अमरूद, सेब, संतरा या पपीता खाएं। दो रोटी, एक छोटी कटोरी चावल, एक कटोरी दाल, एक कटोरी सब्जी, एक दही तथा एक प्लेट सलाद खाएं। शाम के नाश्ते में चाय और हल्के मीठे बिस्कुट या कोई बेक्ड स्नैक्स ले सकते है। रात के भोजन में दो रोटी और एक कटोरी सब्जी खाएं। सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी व एक चुटकी काली मिर्च डालकर पकाकर पिएँ।

खानपान के साथ ही कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखें ताकि उन्हे संक्रमण न हो। किसी भी हाल में बाहर ना निकले। पार्क में टहलने की बजाय घर की छत या लॉन में टहलें व फेफड़ों की एक्सरसाइज करें। बाहर से किसी के आने पर कम से कम 2 मीटर दूर से बात करें तथा साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें।

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