नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को में स्वदेश में विकसित उपकरण एवं सिस्टम भारतीय सेना को सौंपे। इनमें फ्यूचर इन्फैंट्री सोल्जर एज ए सिस्टम (एफ-आईएनएसएएस), नई पीढ़ी की एंटी-पर्सनेल माइन ‘निपुण’, उन्नत क्षमताओं के साथ रुग्ण एवं स्वचालित संचार प्रणाली, टैंकों के लिए अपग्रेडेड साइट सिस्टम एवं उन्नत थर्मल इमेजर शामिल हैं। अत्याधुनिक उच्च गतिशीलता वाले इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड व्हीकल और असॉल्ट बोट वर्चुअल माध्यम से रक्षा मंत्री द्वारा सौंपे गए, जिससे सीमा पर तैनात सैनिक किसी भी चुनौती का उचित तरीके से जवाब देने में सक्षम बन पाएं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि यह उपकरण एवं प्रणालियां भारतीय सेना की अभियानगत तैयारियों को बढ़ाएंगी और उनकी दक्षता में वृद्धि करेंगी। उन्होंने कहा कि यह निजी क्षेत्र और अन्य संस्थानों के साथ साझेदारी में देश की बढ़ते आत्मनिर्भरता कौशल का एक शानदार उदाहरण है। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों की ढांचागत जरूरतें बदलते समय के साथ लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने सशस्त्र बलों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने में मदद करने के लिए नवीनतम तकनीक पर आधारित ढांचागत विकास का आह्वान किया। उन्होंने सशस्त्र बलों से उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और राष्ट्र निर्माण के लिए खुद को समर्पित करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने आवास स्केल (एसओए) 2022 का भी अनावरण किया, जो रक्षा सेवाओं के लिए सैन्य अभियानगत, कार्यात्मक, प्रशिक्षण, प्रशासनिक, रहने और मनोरंजन के लिए निर्माण सुविधाओं के लिए प्राधिकार प्रदान करता है। एसओए 2022 स्वच्छ भारत, सुगम भारत, डिजिटल इंडिया, हरित भवन, सतत विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, योग और फिट भारत के कार्बन फुटप्रिंट को बढ़ावा देने आदि जैसी सरकारी नीतियों और दृष्टि के अनुरूप है। राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि एसओए 2022 के कार्यान्वयन से समकालीन आवश्यकताओं के अनुरूप सुविधाओं/बुनियादी ढांचे और विशिष्टताओं में जबरदस्त सुधार होगा और नागरिकों सहित रक्षा कर्मियों के लिए काम करने तथा रहने की स्थिति में और सुधार होगा। उन्होंने एसओए 2022 को एमईएस की कड़ी मेहनत और समर्पण के प्रमाण के रूप में पेश किया।
राजनाथ सिंह ने पारदर्शिता को बढ़ावा देने, दक्षता का निर्माण करने और सैन्य अभियंता सेवाओं (एमईएस) की गुप्त उत्पादकता को सामने लाने के लिए ई-गवर्नेंस अनुप्रयोगों की एक श्रृंखला भी शुरू की। इनमें बजट प्रबंधन, उत्पाद अनुमोदन, अनुबंध, कार्यों की जांच और उनकी स्थिति तथा एक इलेक्ट्रॉनिक कैश बुक शामिल है। उन्होंने कहा कि ईआरपी सॉफ्टवेयर विभिन्न उद्योगों के विकास और संस्थानों की दक्षता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज लॉन्च किए गए पोर्टल और एप्लिकेशन एमईएस की कार्यकुशलता को बढ़ाएंगे और समय की बचत करेंगे। यह प्रभावी ई-गवर्नेंस की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
‘डिजिटल इंडिया’ मिशन को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री ने 198 वीडियो मॉड्यूल लॉन्च किए जो नवीनतम निर्माण तकनीकों, टिकाऊ प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे के विकास में नए रुझानों आदि के प्रासंगिक विषयों पर व्यापक ज्ञान के आधार को छूते हैं। भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन) के तत्वावधान में ‘वंदे गुजरात’ के शैक्षिक टेलीविजन चैनल पर इन निदर्शी वीडियो का प्रसारण किया जाएगा। राजनाथ सिंह ने इसकी सराहना की कि इन वीडियो को इंटरनेट पर भी अपलोड किया जाएगा और व्यापक रूप से लोगों की मदद की जाएगी।
राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय के एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदार संगठन के रूप में एमईएस की सराहना की, जो सशस्त्र बलों की ढांचागत जरूरतों को पूरा करता है। उन्होंने एमईएस को पर्दे के पीछे वाला पात्र करार दिया जो फ्रंटलाइन योद्धाओं को एक मजबूत बैकअप प्रदान करने में मदद करता है। रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर. हरि कुमार, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, एयर मार्शल बीआर कृष्णा, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी, इंजीनियर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक तथा सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।