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ऑनलाइन योगा सेशन एवं स्वास्थ्य जागरूकता व्याख्यान का हुआ शुभारम्भ, एक माह तक होगा संचालित

कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेस द्वारा आयोजित ऑनलाइन योगा सेशन एवं स्वास्थ्य जागरूकता व्याख्यान का शुभारम्भ किया। इनका सजीव प्रसारण फेसबुक लाइव आन वेलनेसकान पेज https://ww.facebook.com/wellnesscon2020/live_videos/ पर हुआ।

उद्घाटन भाषण में कुलपति ने कहा कि कोरोना पैन्डेमिक के समय इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन एक सराहनीय पहल है। इससे आम जनमानस लाभान्वित होगा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन योगा सेशन व स्वास्थ्य जागरूकता व्याख्यान प्रतिदिन प्रातः 7ः00 बजे से 9ः00 बजे तक एक माह तक संचालित होंगे। शुक्रवार को आयोजित प्रथम व्याख्यान का विषय था- ‘साक्षी ध्यान द्वारा सकारात्मक मानसिक विकास कैसे हो?’ इस व्याख्यान के वक्ता योगा नेचर केयर विशेषज्ञ व डिवाइन रेकी सेंटर, कानपुर के संस्थापक डॉ. ओम प्रकाश आनन्द ने ध्यान योग की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ध्यान (Meditation) करना आवश्यक है। ध्यान में आत्म शुद्धि होती है और सकारात्मकता आती है। ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपनी बुराइयों को दूर कर सकता है और एकाग्र होकर सकारात्मक दिशा में कार्य कर सकता है। 

इसके बाद दूसरे व्याख्यान का विषय था- ‘How Ayurveda may help in COVID-19 Pandemic’ (‘कोविड-19 पैण्डेमिक में आयुर्वेद की महत्ता’)। इस विषय पर कानपुर नगर के आयुर्वेदाचार्य व योगाचार्य डॉ. रविन्द्र पोरवाल ने बताया कि आयुर्वेदिक में बहुत सी ऐसी दवायें व जड़ी बूटियां जो कोविड-19 से बचने में सहायता करती हैं व कोविड-19 दुष्प्रभाव को कम करती हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना के डबल म्यूटेंट से बचने के लिए 8-10 पीपल की पत्ती, 8-10 बेल पत्र, 5 ग्राम अदरक, 3 से 4 लौंग, 3 से 4 काली मिर्च, आधा कप पानी में मिलाकर इसको मिक्सी में पीसकर बना हुआ जूस पीने से कोरोना संक्रमण का खतरा अत्यंत कम हो जाता है। यह जूस शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता हे। उन्होने बताया कि अदरक में जिंगेरान तत्व होता है, जिंगेरान तत्व आई.एफ.एन.बीटा की उपस्थिति के कारण कोरोना वायरस के वायरल लोड को खत्म करता देता है/कम कर देता है। उन्होंने थेराप्यूटिक योग की महत्ता पर प्रकाश डाला।

आज के तीसरे व्याख्यान का विषय था-‘Nutrition Resilience to win over COVID’A श्रीमती सेरिल सेलिस, फाउण्डर, नर्चर हेल्थ सल्यूशन्स, मुम्बई, रजिस्टर्ड डायटीशियन, नैचुरोपैथ एण्ड सर्टिफाइड डायबिटीज एजूकेटर ने बताया कि कोविड पेण्डेमिक के दौरान उचित आहार के विषय में बताया। उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान लोग इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अधिक मात्रा में विभिन्न चीजों का सेवन करते हैं। इम्यूनिटी तुरंत नहीं बढ़ती है जबकि यह नियमित रूप से उचित आहार लेने से बढ़ती है। उन्होंने बताया कि खाने की प्लेट में आधा भाग सब्जियों तथा 1/4 भाग प्रोटीन व 1/4 भाग कार्बोहाडेट का होना चाहिए। व्यक्तियों केा ए-रैनबो की तरह का भोजन करना चाहिए, तात्पर्य वह भोजन जिसमें सब्जियां, फ्रूट अधिक हो, वह भोजन करना चाहिए। उन्हेांने बताया कि वह भोजन नहीं खाना चाहिए जिसमें एक भी फूड गु्रप की कमी हो। कोविड के दौरान लिये जाने वाले भोजन के संबंध में बताया कि जिन व्यक्तियों को कोविड हुआ उनको खाने में कार्बोहाइडेट, कैलोरीज व प्रोसेस्ड फूड की मात्रा कम लेनी चाहिए। उनको खाने में प्रोटीन व स्वस्थ फैट अधिक लेने चाहिए। उन्होंनें कहा कि काली मिर्च व हल्दी का काम्बीनेशन कोविड में लाभप्रद है। उन्होंने बताया कि लोग कोविड के दौरान बहुत काढ़ा पीते हैं यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके कारण व्यक्तियो में गैस व एसीडिटी आदि की समस्या हो रही है।  

यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेस की योग की शिक्षिका कु0 सोनाली धनवानी ने बी-एस.सी. योग के विद्यार्थियों के साथ विभिन्न योगाभ्यासों का प्रदर्शन किया, जिनका कि प्रसारण वेलनेसकान फेसबुक पेज पर किया गया। ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन संस्थान के निदेशक डॉ. प्रवीन कटियार ने किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 अनिल कुमार यादव व यू.आई.ई.टी. के शिक्षक डॉ. संदेश गुप्ता भी उपस्थित थे।  

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