उन्नाव। बक्सर के गंगा तट पर शवों को दफनाये जाने और उनके बाहर आने के बाद जानवरों के नोंच कर खाने के मामले को विधानसभा अध्यक्ष क्षेत्रीय विधायक हृदय नारायण दीक्षित ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति गरीबी या अभाव के कारण शव का गंगा में प्रवाहित या किनारों पर दफन न करें। ऐसे लोगों के साथ सरकार देगी, शवों की अंत्येष्टि का खर्च उठाएगी। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वैसे गंगा के इस तट पर अंत्येष्टि की परंपरा बहुत पुरानी है। अंत्येष्टि के तीन तरीके अपनाए जाते रहे हैं। गंगा जल को निर्मल बनाने के लिए शवों के जल प्रवाह बंद करने का संकल्प 5-10 साल पहले ले लिया गया था। बक्सर घाट तीन जिलों का केंद्र है। यहां लगभग 100 किमी दूरी से अंत्येष्टि के लिए लोग आते रहे हैं। मेरे गांव जो बक्सर से 65 किमी. दूर हैं वहां से भी लोग शव की अंत्येष्टि के लिए इसी तट पर आज भी आते हैं। इसके अलावा रायबरेली व फतेहपुर के लोग भी यहां आते हैं। मामले को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है। जिला प्रशासन सक्रिय है। उन्होंने अपील की कि हम सब महामारी के इस हमले में कोरोना शिष्टाचार, मास्क और शारीरिक दूरी के अनुशासन का पालन करें। अफवाहों से सावधान रहें।