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सत्यजीत रे के 100वें जन्मदिवस पर फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान में आयोजित किया गया 10 वां दीक्षांत समारोह

  • वर्चुअल दीक्षांत समारोह में फिल्म प्रकोष्‍ठ के 13वें बैच और एनीमेशन एवं इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल मीडिया के पहले बैच के विद्यार्थियों को डिप्लोमा प्रदान किया गया

कोलकाता। सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान में रविवार को वर्चुअल दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। यह दिन इसलिए भी खास रहा क्योंकि महान फिल्म शख्सियत सत्यजीत रे के साल भर चलने वाले जन्म शताब्दी समारोह का शुभारंभ भी आज ही के दिन हुआ है। संस्थान के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर अमरेश चक्रवर्ती ने कहा, ‘यह दिन हमारे लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान ने सर्वथा नए फिल्म निर्माताओं के एक प्रतिभाशाली समूह से राष्ट्र को रू-ब-रू कराया है।’

फिल्म प्रकोष्ठ के तेरहवें बैच, इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया प्रकोष्ठ के पहले बैच और एनीमेशन सिनेमा के पहले बैच के स्नातकों ने अलग-अलग अहम विशेषज्ञता हासिल करने और अपनी-अपनी पहली फिल्मों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अपना ‘पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट’ प्राप्त किया।

इस संस्थान द्वारा तैयार एवं प्रस्तुत की गई विशिष्‍ट थीम वाली कुल 21 फिल्मों और उनके छात्र दलों को सम्मानित किया गया जिनमें एनिमेशन सिनेमा की छह फिल्में, इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया प्रकोष्ठ की पांच फिल्में और फिल्म प्रकोष्ठ की दस फिल्में शामिल हैं। अभिनव गाथाओं को बयां करने वाली इन फिल्मों में शरण वेणुगोपाल की एक विशिष्‍ट थीम वाली फिल्म ‘लाइक ए मिडनाइट ड्रीम (ओरु पाथिरा स्वप्नम पोल)’  भी शामिल है जिसे हाल ही में भारत सरकार के फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा आयोजित 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान ‘पारिवारिक मूल्यों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म’ का पुरस्कार दिया गया है।

इस समारोह की मुख्य अतिथि अपर्णा सेन, जो एक प्रसिद्ध अभिनेत्री एवं फिल्म निर्माता हैं और जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, ने स्नातकों को सिनेमा और संबद्ध दृश्य-श्रव्य माध्यम के विभिन्न विषयों में अपनी औपचारिक शिक्षा पूरी कर लेने के लिए बधाई दी।

समापन भाषण में उन्होंने सत्यजीत रे से जुड़ी अपनी यादों को भी साझा किया। अपर्णा सेन ने कहा कि सत्यजीत रे मेरे गुरु थे और उनकी फिल्मों में काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। उन्होंने कहा मेरी पहली स्क्रिप्ट, जो मैंने लिखी थी, को पढ़ने के बाद सत्यजीत रे ने मुझे शशि कपूर को पत्र लिखने और एक निर्माता के रूप में उनसे संपर्क करने के लिए प्रेरित किया। सेन ने एक अभिनेत्री के रूप में सिनेमा जगत में अपने करियर की शुरुआत सत्यजीत रे की फिल्म ‘तीन बेटियां (किशोर कन्या, 1961)’ में अहम किरदार निभा कर की।

प्रतिष्ठित प्रोफेसरों और उद्योग विशेषज्ञों, जिन्होंने कार्यशालाओं एवं अंतर-विषयक सत्रों का संचालन किया, ने स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले 83 विद्यार्थियों को बधाई दी। प्रसेनजीत गांगुली (एनिमेशन फिल्म निर्माता), हितेंद्र घोष (साउंड मिक्सिंग इंजीनियर), केदारनाथ अवाती (भूतपूर्व प्रोफेसर, एफटीआईआई), उमेश विनायक कुलकर्णी (फिल्म निर्माता), जवाहर सिरकार (भूतपूर्व सीईओ, प्रसार भारती) और अनिल मेहता (सिनेमेटोग्राफर) ने इन सभी विद्यार्थियों के पहले उद्यम के लिए उनकी काफी सराहना की और उनके भावी उद्यमों एवं सिने जगत में उनकी सफल यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।

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