लखनऊ। भाषा विश्विद्यालय, लखनऊ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में छात्र छात्राओं को शिक्षा एवं …
Read More »मैंने मरते देखा है गांधी को !
के.एम. भाई मैंने मरते देखा है गांधी को ! हर एक चौराहे पे कभी खाकी वर्दी की आड़ में तो कभी तड़पती जान में गांधी को मरते हुए .. कभी अस्पताल की दर पे तो कभी न्याय की चौखट पे गांधी को मरते हुए .. …
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